आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं मुनिश्री प्रसाद सागर जी के मार्गदर्शन में वतन की उड़ान प्रतियोगिता की पुरस्कार एवं शिक्षकों का सम्मान समारोह संपन्न ।
राज्यसभा सांसद पद्म भूषण धर्माधिकारी श्री वीरेन्द्र हेगड़े जी ने मुख्य अतिथि के रूप में पधारकर किया सम्मान।
रायपुर विश्व परिवार। डोंगरगढ़ में। विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की पावन आशीर्वाद से एवं पूज्य मुनिश्री प्रसाद सागर जी महाराज के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई “वतन की उड़ान प्रतियोगिता “के विजयी प्रतिभागियों को
11 सितंबर 2023
प्रमाण पत्र निम्न लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं
https://docs.google.com/spreadsheets/d/1sg4wNtHoVB-Q2wtzbNG0ADBq-al_1Eu5-yXEJnFjofs/edit?usp=sharing
अंक प्राप्त सूची
विजेता सूची
पुरस्कार वितरण समारोह 5 सितंबर 2023
वतन की उड़ान आमंत्रण सूची
यह सिर्फ आमंत्रण सूची हैं प्रतियोगिता परिणाम (आपका स्थान) 5 सितंबर कार्यक्रम में घोषित होगा
आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ
विजेता सूची डाउनलोड करें
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https://vidyasagar.guru/files/file/384-1
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक २१/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _श्री आदित्य जी,आजाद जी जैन कुंभराज गुना भारत_* एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ है।
इनके पूण्य की अनुमोदना करते है।
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*भक्त के घर भगवान आ गये*
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*_सूचना साभार-:ब्र.विवेक भैया जी (बजरंग) बंडा_*
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*सूचना प्रदाता-:* 🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️
*अंकुश जैन बहेरिया
*प्रशांत जैन सानोधा
व्रती 92 वर्षीय प्रेमचंद जैन कुप्पी वाले छतरपुर (म.प्र. ) की समाधि संपन्न
चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़)। विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में सप्तम प्रतिभाधारी श्री प्रेमचंद जी (छत्तरपुर 7.प्र.) की सल्लेखना
आज 19अगस्त शनिवार प्रातः 7 बजकर 21 मिनिट पर महामंत्र जप करते हुए संपन्न हुई। सातूत्य हो कि छतरपुर वाले विगत 15 दिन पूर्व गुरुदेव के चरणों में पहुंचे थे व सल्लेखना की प्रार्थना की। गुरुकृपा से उन्होने इस मृत्यु महोत्सव को प्राप्त किया 10 निर्ज
16 सितंबर 2023
प्रतियोगिता समाप्त
13 सितंबर 2023
प्रतियोगिता की अंतिम तिथि एक दिन के लिए बढ़ाई गई - अब 15 सितंबर तक भाग ले सकते हैं
11 सितंबर 2023
उत्तर प्राप्त सूची
https://docs.google.com/spreadsheets/d/1vw_9pBuyLQtW4g5WVfmZdFJA5XrtIFzhR9pP7-4GbhA/edit?usp=sharing
10 सितंबर 2023
प्रतियोगिता प्रारंभ : प्रतियोगिया गूगल फॉर्म पर आयोजित हैं
गूगल फॉर्म लिंक : जहां पर आप उत्तर भेजेंगे
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https
अपनी प्रस्तुति निम्न गूगल फॉर्म पर अपलोड करें
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeP5NgeZYiG-eEsi7Se9tqZgTTiUCr0ljiqLleLD4Pin4h53w/viewform?usp=sf_link
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक १६/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _व्रती जानकी जी रोटे मावशी जैन,(१० प्रतिमाधारी) ब्र स्मिता दीदी वाटेगाव, ब्र.साक्षी दीदी जैन पेठ वडगाव, श्री धन्यकुमार जी घूमाई जैन, सौ. सुजाता जी घूमाई जैन हालोंडी, सौ सुनीता जी शेटे जैन बागणी (जानकी जी रोटे सपरिवार) महाराष्ट्र भारत_* एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ है।
इनके पूण्य की अनुमोदना करते है।
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*भक्
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक ०९/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _ब्र.अशोक भैया जी,(दस प्रतिमा धारी) श्री मति कल्पना,डा.रविंद्र जी जैन,पूर्वी, राहुल जैन,राशि, रत्नेश जैन, दिव्यंम, अभिषेक जैन, पारस, छाया जैन, लिधौरा, जिला,टीकमगढ़, (म. प्र.)एवं श्री मति रेखा उदयचंद जी जैन, नीलम पीयूष जी जैन, वासु, अंशुल, खुशी, गुंजन,वीर, प्रिंस,(सिंघई परिवार) मुहारा (छ.ग.) निवासी एवं इनके परिवार भारत_* एवं उनके पर
क्षुल्लक 105 श्री आल्हादसागर की महाराज जी की समाधि सांय 4 50 पर डोंगरगढ़ में हुई
🙏समाधि मरण सूचना 🙏
अपडेट न्युज डोंगरगढ
तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी डोंगरगढ़ की पावन पुण्यधरोवर में समाधिमरण प्राप्त
संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज के कर कमलों से तीर्थ क्षेत्र चन्द्रगिरी डोंगरगढ़,(छ.ग) में बारामती, महाराष्ट्र के निवासी 98 वर्षीय ब्र.वालचंद काका संघवी(दशम प्रतिमाधारी आल्हादसागर जी) की क्षुल्लक दीक्षा सम्पन्न हुई थी
क्षुल्लक श्री अल्हाद सागरजी मह
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक ०७/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _देश व्रति मिलन दीदी जी (सुतरबाला) श्री दिनेश गमनलाल जी जैन, (सुतरबाला) , स्मिता जी जैन, कवीता जी जैन (चोपडा,) श्री धर्मेन्द्र जी जैन,जागृति जी जैन, श्री राजेश जी जैन,आशा जी जैन, आरती जी जैन,डॉ शशिकला जी जैन, नानावटी मुम्बई, (समस्त सुतरबाला परिवार) सूरत (गुजरात)निवासी एवं इनके परिवार भारत_* एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ है।
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक ०५/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _श्री सुनील जी जैन,श्रीमति साधना जी जैन भिलाई,श्री छोटे पहलवान जी जैन ललितपुर भारत_* एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ है।
इनके पूण्य की अनुमोदना करते है।
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*भक्त के घर भगवान आ गये*
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*_सूचना साभार-:ब्र.विवेक भैया जी (बजरंग) बंडा_*
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*सूचना प्रदाता-:* 🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️
*अंकुश ज
डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़
शुक्रवार 5 अगस्त मूकमाटी रचयिता आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के कर कमलों से चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगाढ़ (छ.ग) में प्रथम बार दीक्षा संपन्न हुई।
98 वर्षीय श्रावक वालचंद जी संघवी बारामती निवासी (पूना) अपने सल्लेखना के पथ पर विगत 1.5 माह से गुरु \चरणों में साधना रत है आज दोपहर 2.30 बजे 5 अगस्त शनिवार को गुरुदेव ससंघ सान्निध्य में यह मांगलिक कार्य संपन्न हुआ व क्षुल्लक जी के लिए कमंडल कटोरा चांदी का व परिमार्जन हेतु हथकरघा का मुलायम कपड़ा प्रदान किया गया उपस्थित सभी जनों
♦️आहारचर्या*♦️
*डोगरगढ़ छ.ग.*
_दिनांक ०१/०८/२०२३_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _श्री कैलाश जी मीना जी,सुलभ जी, श्वेता जी,सचिन जी,खुशबू जी,स्वप्निल जी,नुपुर जी,सतेंद्र जी,संगीता जी,रविंद्र जी,अनीता जी जैन जैनम परिवार नरसिंहपुर_भारत_* एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ है।
इनके पूण्य की अनुमोदना करते है।
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*भक्त के घर भगवान आ गये*
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*_सूचना साभार-:ब्र.विवेक भैया जी (बजरंग) ब
दूसरे कि उन्नति को देखकर जलना नहीं चाहिये उसकी उन्नति के कारण से सीखना चाहिये |
- आचार्य श्री विद्यासागर महाराज
28/07/2023 शुक्रवार
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि दूसरे कि उन्नति को देखकर जलना नहीं चाहिये जबकि उसकी उन्नति का क्या कारण है इसे देखकर उससे सीखना चाहिये और अपनी अउन्नति के कारण को भी देखना चाहिये | कई बार कारण ज्ञ
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने कहा की यहाँ छोटे – छोटे गाँव के लोग बहुत ही भाग्यशाली है बड़े – बड़े महानगरों की तुलना में जिन्हें अपनी मेहनत और परिश्रम में विश्वास होता है | यदि आप बबुल का बिज बोगे तो कांटे मिलेंगे और आम का बिज बोगे तो आम के मीठे – मीठे फल मिलेंगे | कर्म करो फल की चिंता मत करो | कर्म अच्छा करोगे तो फल भी अच्छा ही मिलेगा लेकिन उसके लिये उचित समय तक इंतजार करना पड़ेगा | गाँव के लोग परिश्
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि सब निश्चित होता है किन्तु कब होता है वह बात हम नहीं बता सकते? क्यों होता है ? उसके लिए निमंत्रण देने की आवश्यकता नहीं है वह है मृत्यु | हर एक व्यक्ति मृत्यु से घबराता है | आगम के अनुसार इसे आयु का अभाव कहते हैं | दीपक में तेल समाप्त हुआ दीपक बुझ जाता है | यह तो आपको ज्ञात है लिकिन कभी – कभी वह तेल एकदम समाप्त हो जाता है किसी प्रकार से उस समय वह एकदम भभक जाता ह
शुभ भाव, संयम और समभाव को हमेशा ऊपर उठाना चाहिये |
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि आप सुबह उठते हैं तो आमोद, प्रमोद के साथ उठते हैं आपका आलस्य दूर हो जाता है | शारीरिक परिस्तिथियाँ जिसकी ठीक नहीं उसको भी आराम सा लगता है | स्वास्छोस्वास (सास लेना एवं छोड़ना) कि प्रक्रिया बहुत ही सुव्यवस्थित चलने लगती है | पूर्व कि ओर गुल
भोजन पहले शोधन फिर ग्रहण करना चाहिये |
संतो ने पहले बुराई का त्याग कराया फिर अच्छे संस्कारों को ग्रहण करने हो कहा है |
अज्ञान को मै छोड़ता हूँ और ज्ञान को मै स्वीकार करता हूँ |
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि किसानो को इसका ज्ञान होगा ही और भी व्यक्ति जो घूमते हैं या घूमने निकलते हैं इस वनस्पति कि जान
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि प्रथमानुयोग में चक्रवर्ती और अर्धचक्रि का वैभव और जीवन चरित्र के बारे में आप लोगो को पढने को मिलता है | उनको तो प्रायः मुक्त होना ही है इसी भव से | प्रायः इसलिए लगाया है कुछ - कुछ अन्यत्र भी चले जाते हैं और कुछ स्वर्ग आदि में भी जाते हैं | फिर भी उनकी उसी प्रकार से मुक्ति हो ही जाती है | वे कभी भी नरक से नहीं आते हैं पाप करने से नरक जा सकते हैं या जाते हैं | इ
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि इस धरती पर अनंत जीव है और यह सब अपने – अपने कर्म के उदय से हुए हैं फिर भी जब हम दूसरी दृष्टि से देखते हैं तो जो कुछ ऐसे भी पलाक्षी है वस्तुवें हैं जिनसे जीव, जीव रहित भी हो जिनके द्वारा बड़े – बड़े कार्य होते हैं | जिसको देखने से सबको भूल कर उसकी ओर आकृष्ट हो जाते हैं | जैसे सूर्य नारायण कोई व्यक्ति नहीं है अपितु एक विमान है जिसमे देव आदि रहते हैं | जिसका प्रभाव
डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि लोगो ने सुना होगा या पढ़ा होगा अथवा किसी को डायरेक्ट देखने को मिला हो तो साक्षातकार भी किया होगा | वह वस्तु है अमृत धारा अब इसमें क्या – क्या मिलता है अजवाइन का फूल जो सुख गया है, भीम सेन कपूर और पिपरमेंट इन तीनो के समान अनुपात के मिश्रण से अमृत धारा बनती है | यदि इसके अनुपात में अंतर कर दिया बहुत सारा अजवाइन का फूल, एक छोटी कपूर कि डल्ली और एक चिमटी से उठाकर थ