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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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प्रधानमंत्री को पत्राचार पाठ्यक्रम की दूसरी पुस्तक “अनिर्वचनीय व्यक्तित्व” की प्रथम प्रति भेंट की

ग्वालियर. ८ जनवरी २०१७।   प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ७ जनवरी २०१८ को टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी (सीसुब अकादमी)  में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में भाग लेने ग्वालियर पधारे थे, ८ जनवरी २०१8 को उन्होंने सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया और नयी दिल्ली प्रस्थान से पहले ग्वालियर हवाई अड्डे पर उन्हें संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज की दीक्षा के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर आयोजित संयम स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत संचालित पत्राचार पाठ्यक्रम क

आचार्य विद्यासागर जी ससंघ का विहार रुआबांधा भिलाई  से रायपुर (शांति नगर लाभाण्डी ) की ओर चल रहा है ।ki

30/1/2018 आज की आहार चर्या श्री दिगम्बर जैन मंदिर मालवीय नगर रायपुर में सम्पन्न हुई । विश्व वंदनीय आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ) का मंगल विहार रुआबांधा भिलाई  से रायपुर (शांति नगर लाभाण्डी ) की ओर चल रहा है ।   29 /1/2018   नी सकल दिगंबर जैन समाज के उपस्थिति में हुआ पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के साथ पूज्य रतन मुनि मसा आदि ठाणा द्वारा चर्चा हुई।   विहार अपडेट - 29 जनवरी 18   वर्तमान जिन शासन नायक भगवान महावीर स्

आज आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का केशलोंच हुआ है,आज आचार्यश्रीजी का "उपवास" है l

|| ?केशलोंच अपडेट ?*आज आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का केशलोंच हुआ है,आज आचार्यश्रीजी का "उपवास" है l *बड़ी अजीब सी बंदिश हैं || || गुरूदेव आपकी भक्ती मै || || ना तूने कभी हमे कैद रखा || ||ना ही हम कभी फरार हो पाए || |जय जय गुरुदेव |

अशोक जी पाटनी ने गंधोदक  कलश आचार्य श्री को समर्पित किया।

जैन समाज के भामाशाह दानवीर माननीय श्री अशोक जी पाटनी कल सपरिवार हेलीकॉप्टर से नारोली जि से गंधोदक  कलश में लेकर  डोंगरगढ़ पधारे एवम 108 आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराजजी को समर्पित किया।   नारेली     डोंगरगढ़ की तस्वीर         

सुप्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव जी ने लिया गुरुदेव से आशीष और की गहन चर्चा, भाषा और भारत पर हुआ गंभीर विमर्श

चंद्रगिरी, डोंगरगढ़ राहुल देव जी के साथ परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की हुई ४५ मिनट की गहन चर्चा, भाषा और भारत पर हुआ गंभीर विमर्श   डोंगरगढ़ में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुलदेव की बातचीत के मुख्य अंश                  

देश की नई शिक्षा नीति पर कस्तूरीरंगन ने लिया विद्यासागरजी महाराज का मार्गदर्शन

आचार्यश्री विद्यासागरजी के पचासवें संयम स्वर्ण महोत्सव की राष्ट्रीय समिति के राजनैतिक एवं प्रशासनिक संयोजक, इंदौर के निर्मलकुमार पाटोदी के आमंत्रण-पत्र को स्वीकार करते हुए देश के जानेमाने वैज्ञानिक व इसरो, बैंगलोर के पूर्व अध्यक्ष कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन, जो कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित देश की नौ सदस्यीय कमेटी के मुखिया हैं, छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ पहुंचे। आपके साथ प्रो. टीवी कट्टीमनी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट्राइबल केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति डॉ. विनय चंद्

मुंबई में हुआ जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की दीक्षा के स्वर्ण जयंती महोत्सव का शानदार आयोजन

प्रेस विज्ञप्ति:  "अपराजेय साधक" ·       मुंबई में हुआ जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की दीक्षा के स्वर्ण जयंती महोत्सव का शानदार आयोजन ·       जबलपुर (मप्र), डोंगरगढ़ (छग) और रामटेक (नागपुर) से आईं 271 छात्राएं ·       प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की छात्राओं की चहुंमुखी प्रतिभा का हुआ प्रदर्शन, जन-जन हुआ गदगद   गुरुदेव आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु तन मन धन समर्पण के भाव से पिछले चार महीनों से अनवरत मुंबईजैन

आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के श्री चरणों में संयम स्वर्ण महोत्सव समिति के श्रद्धा सुमन रूपी प्रस्तुति "अपराजेय साधक";

कार्यक्रम की तैयारियों में जुटी जैन समाज गुरुदेव आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु तन मन धन समर्पण के भाव से पिछले चार महीनों से अनवरत जुटी हुई थी, प्रतिभास्थली से पधारने वाली अपनी बेटियों और बालब्रम्हचारी बहनों के लिये पलक पांवड़े बिछाकर बैठी थी। और वह दिन भी आ गया दिनांक ९-१२-२०१७ को ढेर सारी बेटियां हमारी ममता भरी झोली को स्नेह से भरने आ गईं, धार्मिक, अनुशासित, समर्पित, कुशल, अद्भुत छात्राएँ। धन्य हो गयी मुंबई धरा तपस्वी बहनों को मुंबई में पाकर।

नीम और गाय स्वास्थ्य के लिए अमृत सम : आचार्यश्री

विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {10 दिसंबर 2017}   चन्द्रगिरि (डोंगरगढ़) में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने कहा कि नीम का वृक्ष बहुत योगी होता है। उसकी छाल से बनी जड़ी-बूटियों से बड़े से बड़े रोगों व विभिन्न बीमारियों का उपचार संभव है।   वृक्ष ऑक्सीजन छोड़ते हैं और कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करते हैं जिससे हमें प्राणवायु प्राप्त होती है। नीम का फल कड़वा होता है, परंतु उसका स्वास्थ्य के लिए लाभ बहुत है। नीम की शाखाओं एवं टहनी का उपयोग दातुन आदि के लिए भी उ

मन से करो, मन का मत करो - आचार्यश्री

प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {9 दिसंबर 2017}   चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागर महाराजजी ने कहा की समन्वय से गुणों में वृद्धि हो तो वह सार्थक है किन्तु यदि समन्वय से गुणों में कमी आये तो वह समन्वय विकृत कहलाता है। उदाहरण के माध्यम से आचार्यश्री ने समझाते हुए कहा की यदि दूध में घी मिलाया जाये तो वह उसके गुणों को बढाता है जबकि दूध में मठा मिलाते हैं (कुछ लोग कहते हैं दूध भी सफ़ेद होता है और मठा भी सफ़ेद होता है) तो वह विकृति उत्पन्न

ऐतिहासिक हुआ भव्य वेदी शिलान्यास महोत्सव

छत्तीसगढ़ की पावन धरा ओर एक मात्र तीर्थक्षेत्र श्री डोंगरगढ़ चंद्रगिरि ,पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के ससंघ सान्निध्य में एवं ब्र. सुनील भैया इंदौर के निर्देशन में ऐतिहासिक वेदी शिलान्यास हुआ | आज प्रातः 8 बजे आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज ससंघ प्रतिभा स्थली के बनने बाले मंदिर स्थल पर पहुचे तो प्रतिभा स्थली में अध्यनरत छोटे छोटे बच्चों ने जय जयकारो से ओर श्रावको के उत्साह से पूरा वातावरण ही धर्ममय हो गया । आचार्य भगवन ने अपनी दिव्यदेशना में कहा कि रहने को घर तो

डोंगरगढ़ में भव्य वेदी शिलान्यास समारोह - दिनांक 06 - 12 - 2017

। श्री अादिनाथाय नमः । स्थान :- श्री दि. जैन चन्द्रगिरि अतिशय क्षेत्र डोंगरगढ़ (छ.ग.) स्थल :- श्री प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ ( विद्यालय परिसर )   बन्धुओ, छत्तीसगढ़ दिगम्बर जैन समाज के सातिशय पुण्योदय से चन्द्रगिरि तीर्थ क्षेत्र पर संचालित प्रतिभास्थली के चैत्यालय का भव्य वेदी शिलान्यास समारोह दिनांक 06/12/2017 दिन बुधवार को प्रातः 8 बजे होने जा रहा है। परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज को पावन ससंघ सानिध्य में एवं प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र. सुनील भै

तपस्या और तपस्या का फल - 105 वां स्वर्णिम संस्मरण

मुझे आज भी वो दृश्य याद है जब 1983 में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज कलकत्ता आये थे और कलकत्ता प्रवेश से पूर्व बाली मंदिर में ठहरे थे । मैं सुबह 4 बजे गुरुदेव का दर्शन करने तथा उनके साथ विहार करने के उद्येश्य से गया था । आचार्य श्री नवम्बर महीने की सर्दी में खुले में बैठकर सामायिक / ध्यान कर रहे थे । सारा शरीर मच्छरों से ढका था । मैं टकटकी लगाकर उन्हें देखता रहा । आँखों पर, कानों में, नाक में, हाथों पर, हाथों की अंगुलियों पर, पूरे पैरों पर मोटे मोटे मच्छर जमा हो रखे थे । आचार्य श्री दो घंटे से

ऊंची दुकान और फीका पकवान! - आचार्यश्री

प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {3 दिसंबर 2017}   चन्द्रगिरि (डोंगरगढ़) में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने प्रात:कालीन प्रवचन में कहा कि जब तीर्थंकर भगवान का समवशरण लगता है तो उसमें काफी भीड़ होती है और जगह की कमी कभी नहीं पड़ती है। बहरे के कान ठीक हो जाते हैं, उसे सब सुनाई देने लगता है। अंधे की आंखें ठीक हो जाती हैं और उसे सब दिखाई देने लग जाता है, लंगड़े के पैर ठीक हो जाते हैं और वह चलने लग जाता है। वो भी बिना किसी ऑपरेशन, सर्जरी या बिना किस

शुभ मिलन - आचार्य भगवन 108 विद्यासागर जी महाराज एवं परम पूज्य आचार्य गुरुवर 108 वर्धमान सागर जी महाराज (दक्षिण वाले)

जय जिनेंद्र परम पूज्य आचार्य भगवन 108 विद्यासागर जी महाराज एवं परम पूज्य आचार्य गुरुवर 108 वर्धमान सागर जी महाराज दक्षिण वाले इनका शुभ मिलन आज शुभ स्थान डोंगरगढ़ यहां पर हुआ

प्रत्युत्पन्नमति मुनि श्री विद्यासागर जी - 104 वां स्वर्णिम संस्मरण

ज्ञानयोग, भक्तियोग, कर्मयोग, के ज्ञाता गुरुवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज के रत्नत्रयी गुणों के सागर में अवगाहन कर वंदन करता हूँ....  हे गुरुवर! आपने मुनि विद्यासागर जी की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें हिन्दी, संस्कृत भाषा में तो निपुण बनाया ही साथ ब्रम्हचारी अवस्था में विद्याधर जी को अंग्रेजी भाषा की रुचि होने के कारण आपने उन्हें अंग्रेजी भाषा का ज्ञान कराने के लिए भी विद्वान लगवाए थे। एक वर्ष की अवधि में ही विद्याधर जी अंग्रेजी में पारंगत हो गए थे। इस विषय में दीपचंद जी छाबड़ा नांदसी वालो ने एक संस्म

अग्नि जलती नहीं जलाती है- आचार्यश्री

प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {2 दिसंबर 2017}   चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागर महाराज जी ने कहा की आप लोग कहते हैं की अग्नि जल रही है जबकि अग्नि जलती नहीं जलाती है, जलता तो ईंधन है। इसी प्रकार गाड़ी अपने आप चलती नहीं है उसे ड्राईवर चलाता है। वैसे ही हमारी आत्मा हमारे शरीर को चलाती है और हमारा शरीर उसी के अनुसार कार्य करता है। इसे ही भेद विज्ञान कहा जाता है जो इसे समझ लिया उसे फिर कुछ और समझने की आवश्यकता नहीं होती है।  

गुरुदेव ने मुनि विद्यासागर जी को उदाहरण के स्वरूप प्रस्तुत किया - 103 वां स्वर्णिम संस्मरण

जीवन में स्वयंभू, सत्यधर्मो का प्रकाश प्रकट करने वाले गुरूवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज के प्रकाशवान् चरणो में वंदना करता हूँ.... हे गुरुवर! मेरे गुरु की साधना और वैराग्य को देखते हुए आप इतने प्रभावित हुए थे, कि आपने, उनको उदाहरण के रूप में उपस्थित किया था। वह वाकया पण्डित विद्याकुमार सेठी जी ने १९९४ अजमेर चातुर्मास में मुझे सुनाया। जिसे सुनकर हम शिष्यों को गौरव की अनुभूति होती है। वह संस्मरण हमने लिख लिया था, जो आपको प्रेषित कर रहा हूँ........   गुरुदेव ने मुनि विद्यासागर जी को उदाहरण क

हाजिरजवाबी ब्रम्हचारी विद्याधर - 102 वां हीरक संस्मरण

ज्ञानरथ के सार्थवाह गुरुवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज को कोटिशः प्रणाम करता हूँ.... हे गुरुवर! आपके लाडले शिष्य ब्रम्हचारी विद्याधर जी आपको तो जवाब नही देते थे किन्तु अज्ञानियों के अज्ञान अंधकार को दूर करने के लिए कम शब्दों में, टू द पॉइंट बोलकर संतुष्ट करके निरुत्तर कर देते थे। इस सम्बन्ध में नसीराबाद के आपके। अनन्य भक्त रतनलाल पाटनी जी ने विद्याधर के हाजिर जवाबी का संस्मरण सुनाया-    हाजिरजवाबी ब्रम्हचारी विद्याधर "१९६८ ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान नसीराबाद में ज्ञानसागर मुनिराज न

सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते -आचार्यश्री

प्रवचन : आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज; (डोंगरगढ़) {30 नवंबर 2017}   चन्द्रगिरि, डोंगरगढ़ में विराजमान संत शिरोमणि 108 आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने एक दृष्टांत के माध्यम से बताया कि एक पिता अपने बेटे को सही राह (धर्म मार्ग) बताता है, परंतु बेटे को पिता की बात कम ही समझ में आती है। वह केवल अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु प्रयत्न करता है और उसमें सफलता भी प्राप्त करता है। जब उसके पास उसकी इच्छा अनुरूप सभी साधन और सुविधाएं उपलब्ध हो जाती हैं तो वह बैठा सोचता है कि उसके पास आ

ब्र विद्याधर जी ने पाप-पुण्य की समझाइस दी - 101 वां हीरक संस्मरण

भवभव के नीरंध्र अज्ञान को ज्ञानप्रभा से भेदने वाले गुरुवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज के चरणों में त्रिकाल प्रणति अर्पित करता हूँ..... हे गुरुवर! अब में नसीराबाद के कुछ संस्मरण आपको प्रेषित कर रहा हूँ। ब्र विद्याधर जी आपके साथ-साथ जहाँ भी जा रहे थे वहाँ के लोग उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होते और उनकी मधुर बातों से शिक्षा लेते। विद्याधर की साधना ऐसी साधना थी जिसको देखकर हर कोई अचम्भित हुए बिना नही रहता था। आज जब नसीराबाद के किसी भी समाज जन से उस समय की बात करते है तो वो ब्र विद्याधर के अनेकों संस्मर
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