Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • आचार्य विद्यासागर जी की आरती

       (2 reviews)

    विद्यासागर की, गुणआगर की, शुभ मंगल दीप सजाय के।
    आज उतारूँ आरतिया…..॥1॥

     

    मल्लप्पा श्री, श्रीमती के गर्भ विषैं गुरु आये।
    ग्राम सदलगा जन्म लिया है, सबजन मंगल गाये॥
    गुरु जी सब जन मंगल गाये,
    न रागी की, द्वेषी की, शुभ मंगल दीप सजाय के।
    आज उतारूँ आरतिया…..॥2॥

     

    गुरुवर पाँच महाव्रत धारी, आतम ब्रह्म विहारी।
    खड्गधार शिवपथ पर चलकर, शिथिलाचार निवारी॥
    गुरुजी शिथिलाचार निवारी,
    गृह त्यागी की, वैरागी की, ले दीप सुमन का थाल रे।
    आज उतारूँ आरतिया…..॥3॥

     

    गुरुवर आज नयन से लखकर, आलौकिक सुख पाया।
    भक्ति भाव से आरति करके, फूला नहीं समाया॥
    गुरु जी फूला नहीं समाया,
    ऐसे मुनिवर को, ऐसे ऋषिवर को, हो वंदन बारम्बार हो।
    आज उतारुँ आरतिया…..॥4॥

    Edited by संयम स्वर्ण महोत्सव


    User Feedback

    Create an account or sign in to leave a review

    You need to be a member in order to leave a review

    Create an account

    Sign up for a new account in our community. It's easy!

    Register a new account

    Sign in

    Already have an account? Sign in here.

    Sign In Now


×
×
  • Create New...