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सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
नंदीश्वर भक्ति प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • हे विजितमना… गुरुदेव

       (1 review)

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    आपने स्वयं को जितना सामान्य माना,

    उतने ही विशेष हो गए।

    आपमें ज्यों-ज्यों लघुता आती गई,

    त्यों-त्यों आप प्रभुता को पा गए।

    मानापमान से दूर हो गए।

    सर्व जग से सम्मानित हो गए।

    जीत हार से परे हो गए।

    भूतल पर विख्यात हो गए।

     

    "गुरू  भूमण्डल पर हिंमगिरि से, उन्नत अडिग विराजित हैं।

    उनसे नि:सृत निर्मल शुचितम, सरित अनेक प्रवाहित हैं।।  

    आगम के अनुकूल संस्कृति, इस धरती पर नित्य रहे।

    संत शिरोमणि विधा गुरुवर, भूतल पर जयवंत रहे।।"

     

    आर्यिका पूर्णमती माताजी


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    "गुरू  भूमण्डल पर हिंमगिरि से, उन्नत अडिग विराजित हैं।

    उनसे नि:सृत निर्मल शुचितम, सरित अनेक प्रवाहित हैं।।  

    आगम के अनुकूल संस्कृति, इस धरती पर नित्य रहे।

    संत शिरोमणि विधा गुरुवर, भूतल पर जयवंत रहे।।"

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