आपका आशीर्वाद पाना भाग्य है!
आपसे दीक्षा पाना सौभाग्य है!
आपसे शिक्षा पाना बड़भाग्य है!
आपसे समाधि पाना महाभाग्य है!
किंतु...
आपसे गुरु को पाकर,
वर्षों तक दर्शन न मिल पाना दुर्भाग्य है।
“गुरु से चैन मिला करता है, और अधिक बैचेनी भी।
प्यास भी उनसे तृप्त भी उनसे, जीत हार भी उनसे ही।।
पुण्योदय में गुरु स्नेह से, सुखद नज़ारा लगता है।
पापोदय में गुरु विरह में, पल-पल कारा लगता है।।”