आ। श्री।
?मानव धर्म?
108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण कमलों में कोटि-कोटि नमन-वन्दन-प्रणाम
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर ???
-अभिषेक जैन सा-परिवार
सच्चा धर्म हमेसा
करुणा, प्रेम,दया
का पाठ पड़ाता है
मानवता सिखलाता है
प्राणी मात्र की रक्षा भाव
जीवन सुखमय जीने के
सरल उपाय सिखाता है
व जीवन सरल बनाता है
जीवन में जो मधुरता लाये
वैर-वैमनस्य जो यदि मिटाएं
मिलजुल कर रहना सिखलाये
त्याग-वृत्ती जो मन में उपजाए
तब ही तुम्हें धर्म का मर्म मिला
हृदय में प्रभु का भक्तिभाव जगा
अन्यथा सारा जीवन व्यर्थ गवायाँ
आडंबर में फस सिर्फ पाप कमाया
कुछ तो अपने अंदर झाकों
अपना ईश्वर खुद पहचानों
तुझमे तुमको ईश्वर मिल जायेगे
अंतरभेद सभी पल में मिट जायेगें ।।
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर ???
-अभिषेक जैन सा-परिवार