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सोशल मीडिया / गुरु प्रभावना धर्म प्रभावना कार्यकर्ताओं से विशेष निवेदन ×
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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • ३०. विनयांजली- आचार्य भगवन के पूरे प्राणी मात्र के प्रति उपकारों के लिये कृतज्ञता स्वरूप |

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    108 आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में सत-सत नमन, वंदन...

    नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर                             -अभिषेक जैन स-परिवार     

     

    जिनके चरण मात्र छू लेने से ही 

    हो जाता उध्धार, ऐसे पावन 

    आत्म-ध्यानी को नमन-वन्दन 

    बारम्बार, प्रभु की महिमा अपरंपार

     

    लगा दो मेरा बेड़ा पार, जगत

    से करदो मेरा उध्धार, दुखों 

    से छूटे मेरा संसार, परम सुख

    पाऊँ इस ही बार, मोक्ष का 

     

    खोले प्रभुवर द्वार, आप ही

    शिव-सुख के आधार, आपमें 

    वसते चारो धाम, आप में कावा-

    काशी अभिराम, आप ही शिव

     

    आप ही राम, आप ही मेरे राधेश्याम 

    आपमें खुदा, आप भगवान, मिटादे

    जग के द्वेष तमाम, आपमें पूरा भारत

    वर्ष महान, आप ही सत्य, तप, त्याग

     

    आप ही अहिंसामयि विश्व धर्म, आपमें 

    सब धर्मों का मर्म, आप ही विश्व शान्ती 

    के चिर रक्षक, आप ही मोक्ष-रमा प्रवर्तक

    आप हो शिव-सुख के स्वामी,घोर तपस्वी 

     

    आराधक, त्रि-रत्नों के पालक, आपकों 

    नमन है बारंबार, आपकी महिमा अपरंपार 

    आपके गुणों का न कोई अन्त, आप स्वामी

    आप भगवंत, आपकी मंगल जय-जयकार

     

    आपकों नमोस्तु बारंबार, आपकों अर्पित

    सब संसार, आपकों वन्दन सत-सत बार

    आपके चरणों में मेरा हो उध्धार, आप की

    महिमा अपरंपार, प्रभुवर नमन हो बारंबार ।।

     

    सादर नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते 

    -अभिषेक जैन स-परिवार

     


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