108 आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में सत-सत नमन, वन्दन...
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर -अभिषेक जैन सा-परिवार
अंतर मन का नेह सम्हालों
गुरु दर्शन के भाव जगालों
सच्ची भक्ती हृदय में पालों
प्रभु प्रेम को मन में वसालों
आकुल-व्याकुल परिणामों को
थोड़ा-मोड़ा खुद ही सम्हालों
भक्तिमय जो श्रद्धा अश्रु झरें है
यादों में जो पल-पल गुजरे है
समय दूर न मेरे प्रियवर, मनमा
धीरज थोड़ा और जगालों, प्रभु
दर्शन को प्यासे नैना, मन में प्रेम-
भाव उमगा लों, प्रभु दरश मिलेंगे
प्रति दिन प्रति पल श्रद्धा सुमन खिलेंगे
अन्तर्मन में शुभ भाव तुम्हारे निखरेगें,
पल-पल दर्शन तुम पालोंगे, यदि अपने
मन-मंदिर बनवा लोगें, मूरत प्रभु रख लोगे
देखों जीवन कितना सरल है, यदि मन
मन्दिर, तन वृंदावन है, प्रभु कृष्णमय
हम सब मीरा, प्रभु गोवर्धन, हम सब ग्वालें
आओं हम सब हृदय में गुरु का आचरण पालें ।।
सादर नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुवर
-अभिषेक जैन सा-परिवार