गुरु की वाणी समाई जिसने,गुरु सी किस्मत उसी ने पाई
गुरु कृपा से ही पाई हमने-गुरु चरण रज जो सिर लगाई
गुरु हैं ब्रह्मा गुरु है विष्णु-2 गुरु हैं शंकर गुरु हितंकर ।
गुरु में दिखती है सारी सृष्टि-2 गुरु ही दिखते जिसे तीर्थंकर
गुरु............................
गुरु को अपने हृदय बसाया-2 सदा ही श्रद्धा से सिर झुकाया ।
गुरु के कदमों पे हम चलेंगे-2 ये भाव दिल में सहज की आया
गुरु..........................
गुरु बिना है अधूरा जीवन-2 गुरु नहीं तो है उजड़ा उपवन
गुरु मिलें तो महकता जीवन-2 गुरु मिलें जीवन सारा मधुवन
गुरु..........................
गुरु है मेरे हृदय की धड़कन-2 गुरु ही जीवन में मेरे दर्पण
गुरु से होती है शाम-सुबह-2 गुरु को है जिंदगी से अर्पण
गुरु.........................
न कोई जग में गुरु से प्यारा-2 गुरु ही सच्चा हितू हमारा
गुरु से जिसका शुरु जो जीवन-2 उसी ने पाया है भव किनारा
गुरु..........................