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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • गुरु की वाणी समाई जिसने,गुरु सी किस्मत उसी ने पाई

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    गुरु की वाणी समाई जिसने,गुरु सी किस्मत उसी ने पाई

    गुरु कृपा से ही पाई हमने-गुरु चरण रज जो सिर लगाई

    गुरु हैं ब्रह्मा गुरु है विष्णु-2 गुरु हैं शंकर गुरु हितंकर ।

    गुरु में दिखती है सारी सृष्टि-2 गुरु ही दिखते जिसे तीर्थंकर

    गुरु............................

     

    गुरु को अपने हृदय बसाया-2 सदा ही श्रद्धा से सिर झुकाया ।

    गुरु के कदमों पे हम चलेंगे-2 ये भाव दिल में सहज की आया

    गुरु..........................

     

    गुरु बिना है अधूरा जीवन-2 गुरु नहीं तो है उजड़ा उपवन

    गुरु मिलें तो महकता जीवन-2 गुरु मिलें जीवन सारा मधुवन

    गुरु..........................

     

    गुरु है मेरे हृदय की धड़कन-2 गुरु ही जीवन में मेरे दर्पण

    गुरु से होती है शाम-सुबह-2 गुरु को है जिंदगी से अर्पण

    गुरु.........................

     

    न कोई जग में गुरु से प्यारा-2 गुरु ही सच्चा हितू हमारा

    गुरु से जिसका शुरु जो जीवन-2 उसी ने पाया है भव किनारा

    गुरु..........................

     


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