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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • संयम स्वर्ण महोत्सव


    संयम स्वर्ण महोत्सव एक विशिष्ट तिथि: आषाढ़ शुक्ल पंचमी, तदनुसार बुधवार, दिनांक 28 जून 2017

    अद्भुत ज्ञान के धनी, उत्कृष्ट चर्या के पालक, जिनागम के अद्वितीय हस्ताक्षर, महाकाव्यों के रचयिता, सरस्वती के वरद हस्त, गुरुनाम गुरु श्रीमद आचार्यदेव श्री १०८ ज्ञानसागर जी महामुनिराज के सुशिष्य, अद्भुत दृष्टा, जन जन के आराध्य, जिनधर्म  प्रभावक,  स्वदेशी और स्वभाषाओं के प्रबल समर्थक आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज का दीक्षा महोत्सव हम सब के लिए जीवन का एक अनुपम पर्व बनकर उपस्थित होने जा रहा है, इस उत्सव में सहभाग ना केवल हम सबके आनंद की अभिवृद्धि करेगा अपितु हम सबके मन में अपने समय के सर्वोच्च मनीषी की आध्यात्मिक चेतना के साक्षात्कार का निमित्त भी बनेगा। 

    vs123.jpg.90ad1b661744ebc48b482ca192f92029.jpgजैसा कि आप सभी को विदित है कि गुरुदेव की दीक्षा का स्वर्ण महोत्सव आषाढ़ शुक्ल पंचमी 28 जून 2017 को आ रहा है। हम सबको इसे अलौकिक क्षण को एक महापर्व के रूप में आयोजित करना है। इस शुभ दिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए हम सभी बहुत सारे आयोजन कर सकते हैं जैसे हर घर में दीपमालाएँ प्रज्वलित की जाएँ, हर मुनिभक्त श्रावक के निवास स्थान पर जैन ध्वजा लहलहा उठे, संस्थानों में आचार्य श्री के सुंदर चित्र सुशोभित किए जाएँ, नगर नगर और गाँव गाँव में "जैनम् जयतु शासनम्, वंदे विद्यासागरम्" के जयघोष के साथ प्रभात फेरियाँ, चल समारोह निकाले जाएँ, आचार्य छत्तीसी विधान, महा आरती, भक्ति संगीत, भजन कीर्तन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विद्वान ब्रह्मचारी भाई बहनों के प्रवचनों का आयोजन कर सकते हैं। मुनि संघ अथवा आर्यिका संघ का सान्निध्य मिले तो इन कार्यक्रमों की प्रभावना चौगुनी बढ़ जाएगी। 

    निवेदन यह भी है कि इन सभी आयोजनों का प्रचार-प्रसार स्थानीय समाचार माध्यमों में अवश्य किया जाना चाहिए।साथ ही सामाजिक संचार माध्यमों जैसे मूषक, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप आदि पर भी अधिक से अधिक प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि समाज के विभिन्न समुदायों के लोग आचार्यश्री के व्यक्तित्व और कृतित्व से अवगत होकर लाभान्वित हों। आशा करते हैं कि आप पूरी उर्जा के साथ इस ऐतिहासिक क्षण को अविस्मरणीय बनाने में जुट जायेंगे। हम इसके साक्षी, सहभागी एवं अनुगामी बनें, इससे हमारे जीवन में आध्यात्मिक चिंतन, दर्शन तथा आचरण को एक नई दृष्टि मिलेगी।⁠

    यह भी अवश्य देखें:

     

    Edited by संयम स्वर्ण महोत्सव


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